अब वो किसी और से कहती होगी
तू मेरी जान है भला तुझको भुला सकती हूँ!!!
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो तुम
वो मुस्कुरा के बोले पहले कब तुम्हारे थे हम!!!
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत, तुम चले आओ…थोड़ा हम बदल जाते हैं, थोड़ा तुम बदल जाओ!!!
तू मुझे इस कदर अच्छा लगता है,
के तेरे बिन अब मुझे कुछ नही अच्छा लगता है !!!!.
क्यों करते हो तुम,
मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत,
और लोग कहते हैं,
मुझ ग़रीब का कोई भी नहीं!!!!!!!.
तुम्हारे इश्क़ की हिफाज़त,
कुछ इस क़दर की मैंने,
जब भी किसी ने देखा तुम्हे प्यार से,
तो पलकें बंद कर ली अपनी मैंने!!!!!!.
कभी नाराज़ जो हुए तुम,
तो झुक जायेंगे हम,
और अगर कभी हम नाराज़ हुए,
तो तुम बस अपने गले से लगा लेना हमें !!!!!
कितनी ख़ूबसूरत हो जाती है दुनिया,
जब कोई अपना कहता है की तुम बहुत याद आ रहे हो.......!!!!
कुछ ऐसा अंदाज था उनकी हर अदा में,
के तस्वीर भी देखूँ उनकी तो खुशी तैर जाती है चेहरे पे......!!!!
नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।
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